WEB 3.0 इंटरनेट की आने वाली तीसरी पीढ़ी है जहां वेबसाइट और ऐप MACHINE LEARNING (ML), बिग डेटा, DECENTRALIZED LEDGER TECHNOLOGY (DLT), आदि जैसी तकनीकों के माध्यम से जानकारी को PROCESS करने में सक्षम होंगे।
WEB 3.0 एक नए प्रकार के इंटरनेट है जो न केवल आपके दिए गए इनपुट को सठीक समझता है, बल्कि वास्तव में आपके द्वारा व्यक्त की जाने वाली हर चीज को समझता है, चाहे वह पाठ, आवाज या अन्य मीडिया के माध्यम से हो, जहां आपके द्वारा उपभोग की जाने वाली सभी सामग्री पहले से कहीं अधिक आपके अनुरूप होगी । हम वेब के विकास में एक नए चरण के शीर्ष बिंदु पर हैं। कुछ शुरुआती लोग इसे WEB 3.0 कहते हैं।
DEFINATION : WEB 3.0 क्या है?
WEB 3.0 मे डेटा को एक विकेन्द्रीकृत (DE-CENTRALIZED) तरीके से आपस में जोड़ा जाएगा, जो कि इंटरनेट की हमारी वर्तमान पीढ़ी (WEB 2.0) के लिए एक बड़ी छलांग होगी, जहां डेटा को ज्यादातर केंद्रीकृत रिपॉजिटरी (CENTRALIZED REPOSITORY) में स्टोर किया जाता है।
इसके अलावा, WEB 3.0 मे उपयोगकर्ता और मशीनें दोनों डेटा के साथ INTERACT करने में सक्षम होंगी। WEB 3.0 के दो आधारशिला सिमेंटिक वेब और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हैं। WEB 3.0 अभी तक लागू नहीं किया गया है, इसलिए इसकी कोई ठोस परिभाषा नहीं है। वेब 1.0 से वेब 2.0 में बदलने में दस साल से अधिक का समय लगा, और WEB 3.0 को पूरी तरह से लागू करने और फिर से सठिक आकार देने में, उतना ही समय और लगने की उम्मीद है।
NFT और मेटावर्स के आगमन के साथ, WEB 3.0 शब्द भी तेजी से महत्व प्राप्त कर रहा है, लेकिन यह पूरी तरह से नई घटना नहीं है। इसे इथेरियम के सह-संस्थापक गेविन वुड ने 2014 में बनाया था। WEB 3.0 को वर्ल्ड वाइड वेब के आविष्कारक टिम बर्नर्स-ली द्वारा मूल रूप से सिमेंटिक वेब कहा जाता था, और इसका उद्देश्य अधिक स्वायत्त, बुद्धिमान और खुला इंटरनेट होना था।
WEB 3.0 स्मार्ट घरों, स्मार्ट वाहनों और कार्यस्थलों में उपयोगकर्ताओं, उपकरणों और सिस्टम के साथ सीधे जुड़कर इंटरनेट अनुभव को बदलने की क्षमता रखता है। WEB 3.0 में और भी बहुत कुछ है जो बढ़ते डिजिटल युग में जानने योग्य है। इससे पहले कि हम WEB 3.0 को समझें, इसके पूर्ववर्ती वेब 2.0 को जानना महत्वपूर्ण है जिसे 2005 में बनाया गया था।
WEB 1.0 में इंटरनेट पृष्ठों को फ़िल्टर के लिए एल्गोरिदम नहीं थे, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करना बेहद कठिन हो गया था। सीधे शब्दों में कहें, यह एक संकरे फुटपाथ के साथ एकतरफा राजमार्ग की तरह था जहां सामग्री का निर्माण कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा किया जाता था और जानकारी ज्यादातर निर्देशिकाओं से आती थी।
वेब 2.0 मे स्टैटिक वेब (WEB 1.0) से USER-GENERATED कंटेन्ट जैसे परिवर्तन आया और सोशल मीडिया के उपयोग मे काफी वृद्धि हुई जहां उपयोगकर्ता एक दूसरे के साथ बातचीत कर सकते हैं। Google मैप्स, डॉक्स जैसे एप्लिकेशन वेब 2.0 के उदाहरण हैं । WEB 3.0 की तीन महत्वपूर्ण नींव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और ब्लॉकचेन तकनीक हैं।
HOW WEB 3.0 WILL WORK?
ब्लॉकचेन तकनीक के द्वारा विकेंद्रीकृत डेटा भंडारण (DE-CENTRALIZED DATA STORAGE) मे सफलता पाया जा सकता है साथ ही आभासी दुनिया (VIRTUAL WORLD) में विश्वास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी । एआई ऑनलाइन डेटा को डिकोड और फ़िल्टर करने और उपयोगकर्ताओं को सबसे सठिक रिजल्ट प्रदान करने में मदद करेगा।
इंटरनेट को स्मार्ट उपकरणों से जोड़ने के लिए IoT WEB 3.0 की इंटरऑपरेबिलिटी लेयर की मदद करेगा। यह लगातार उपयोगकर्ताओं के डिजिटल FOOTPRINT को समझके बेहतर और प्रासंगिक इंटरनेट अनुभव प्रदान करने के लिए बनाया गया है।
आईए एक उदाहरण से समझते है जब कोई उपयोगकर्ता फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कोई आइटम देखता है, जिसे दूसरे समान प्रोफाइल वाले खरीदारों ने खरीदा है तो पिछले यूजर के INTERACTION के हिसाब से नए उसेर्स से इनरैक्ट किया जाता है ।
हालाँकि, उपरोक्त दृष्टिकोण से इंटरनेट नियंत्रण एजेंसियों को लाभ होता है और उन्हें यूजर इनरैक्शन डेटा का मिल जाता है जिसे बाद में थर्ड पार्टी विज्ञापनदाताओं को बेचा जाता है। उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा का दुरुपयोग किया जाता है।
WEB 3.0 मौजूदा तंत्र को उलट देगा और उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा का एकमात्र मालिक बना देगा और उन्हें उनके इंटरनेट डेटा के बदले उचित मुआवजा देगा। यह NFT के समान है जो उपयोगकर्ताओं को उनके द्वारा खरीदी गई अद्वितीय डिजिटल कला का स्वामित्व प्रदान करता है।
सिमेंटिक वेब प्रत्येक उपयोगकर्ता के लिए व्यक्तिगत जानकारी साझा करना वैकल्पिक बना देगा। WEB 3.0 उपयोगकर्ताओं को अवांछित और छोड़े न जा सकने वाले विज्ञापनों और पॉप-अप से भी राहत मिलेगी।
WEB 3.0 के उपयोगकर्ता उन विज्ञापनों की संख्या को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे जिन्हें वे देखना चाहते हैं और यदि वे विज्ञापन बिल्कुल नहीं देखना चाहते हैं तो उन्हें तदनुसार मुआवजा दिया जाएगा
WEB 3.0 डिजिटल युग को कैसे बदलेगा?
WEB 3.0 में उपभोक्ता-केंद्रित वेब की शुरुआत करने की क्षमता है जो ओपन SOURCE है और गोपनीयता और सुरक्षा पर केंद्रित है। यह मशीनों और उपयोगकर्ताओं के बीच पीयर-टू-पीयर इन्फ्रास्ट्रक्चर (PIER TO PIER INFRASTRUCTURE) पर डेटा और VALUE के आदान-प्रदान को सक्षम करेगा।
इसके अलावा, सिमेंटिक वेब विकेंद्रीकृत स्वायत्त संगठनों (DECENTRALIZED AUTONOMOUS ORGANIZATIONS) (डीएओ) (DAO), वैश्विक स्तर पर विकेन्द्रीकृत स्वायत्त कंपनियों (DECENTRALIZED AUTONOMOUS COMPANIES) (डीएसी) (DACs) , स्व-संप्रभु पहचान और विकेन्द्रीकृत डेटा मार्केटप्लेस जैसी कई अन्य संभावनाएं लाएगा।
यह भरोसेमंद डेटा हस्तांतरण, स्वचालित, CRYPTOCURRENCY -आधारित भुगतान, और आसान स्वामित्व हस्तांतरण की अनुमति देकर मनुष्यों और मशीनों के इंटरैक्ट करने के तरीके में एक प्रमुख बदलाव लाएगा ।
वर्तमान में, Ethereum, कई उभरते हुए WEB 3.0 अनुप्रयोगों की नींव का नेतृत्व कर रहा है, जिन्हें विकेंद्रीकृत अनुप्रयोग (DECENTRALIZED APPLICATIONS) (dApps) कहा जाता है। एथेरियम इन डीएपी को ब्लॉकचैन पर यूसर्स द्वारा संचालित नोड्स पर होस्ट करता है, जो किसी को भी उपयोगकर्ताओं के डेटा को MONETIZATION के बिना उनका उपयोग करने की अनुमति देता है। dApps को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है या उनकी पहुंच को किसी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है
WEB 3.0 के प्रमुख लाभ
अगली बड़ी लहर वेब 3.0 या विकेंद्रीकृत वेब है जिसकी परिकल्पना उद्योग द्वारा की गई है। यह बेहतर गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के साथ आएगा ।आइए हम उन प्रमुख लाभों को समझते हैं जो वेब 3.0 प्रदान करता है।
सूचना या डेटा का स्वामित्व
अंतिम उपयोगकर्ता अपने डेटा का पूर्ण स्वामित्व और नियंत्रण प्राप्त कर लेंगे और एन्क्रिप्शन की सुरक्षा प्राप्त करेंगे। सूचना तब अनुमति/आवश्यकता या मामला-दर-मामला आधार पर साझा की जा सकती थी। वर्तमान में, फेसबुक और अमेज़ॅन जैसे बड़े संगठनों के पास आय, रुचियों, आहार वरीयताओं, क्रेडिट कार्ड आदि पर व्यक्तिगत जानकारी संग्रहीत करने वाले सर्वरों है। ये डेटा केवल उनकी सेवाओं को बढ़ाने के लिए एकत्र नहीं किया जाता है, बल्कि डेटा विज्ञापनदाताओं को बेचा जाता है। और विज्ञापन देनेवाली कंपनी हर साल अरबों डॉलर का भुगतान करते हैं।
सूचना का ACCESS
वेब 3.0 मे हम कहीं से भी डेटा तक पहुंचने में सक्षम होने मे सफल होंगे मुख्य रूप से जब स्मार्टफ़ोन और क्लाउड एप्लिकेशन का भारी उपयोग किया जाता है । यह सुनिश्चित करना है कि उपयोगकर्ता को दुनिया में कहीं से भी यथासंभव जानकारी तक पहुंच प्राप्त हो सके। इस टेक्नॉलजी उपकरणों को उपयोगकर्ता डेटा एकत्र करने की अनुमति देता है और स्मार्टफोन को आपके कंप्यूटर पर डेटा तक पहुंचने देता है।
केंद्रीय नियंत्रण बिंदु का उन्मूलन
एथेरियम जैसे ब्लॉकचेन एक विश्वसनीय मंच प्रदान करते हैं जिसमें डेटा को पूरी तरह से एन्क्रिप्ट किया जाता है, और rules को तोड़ा नहीं जा सकता । इसलिए, बिचौलियों को समीकरण से हटा दिया जाता है। Apple, facebook और Google WEB 3.0 मे उपयोगकर्ता डेटा को नियंत्रण में नहीं रख पाएंगे । किसी भी सरकार या संस्था के पास सेवाओं और साइटों को नष्ट करने की क्षमता नहीं होगी, और कोई भी व्यक्ति दूसरों की पहचान को नियंत्रित नहीं कर सकता है।
अनुमति रहित ब्लॉकचेन
कोई भी एक ADDRESS बना सकता है और ब्लॉकचेन नेटवर्क के साथ INTERACT कर सकता है। उपयोगकर्ताओं को उनकी आय, भूगोल, लिंग या अन्य जनसांख्यिकीय और सामाजिक कारकों के कारण प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा। डिजिटल संपत्ति और धन को विश्व स्तर पर कहीं भी कुशलतापूर्वक, जल्दी, सीमा पार से स्थानांतरित किया जा सकता है।
बढ़ रहित सेवा
खाते का निलंबन और वितरित सेवाओं से इनकार (ddos) कम हो जाएगा । चूंकि एक SINGLE POINT OF FAILURE नहीं होगा , इसलिए सेवा व्यवधान न्यूनतम होगा। डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वितरित नोड्स पर संग्रहीत किया जाएगा, और एकाधिक बैकअप बनेगा और सर्वर विफलता को पूरी तरह रोक जा सकेगा ।
COLCLUSION
संक्षेप में, वेब 3.0 ज्ञान प्रबंधन को एक रोमांचक और GAME CHANGING परिवेश – सोशल सिमेंटिक वेब को जन्म देगा ।सिमेंटिक वेब के पीछे का विचार जानकारी को इस तरह से वर्गीकृत और संग्रहीत करना है जो एक सिस्टम को यह सिखाता है कि विशिष्ट डेटा का क्या अर्थ है। दूसरे शब्दों में, एक वेबसाइट को SEARCH में डाले गए शब्दों को उसी तरह समझने में सक्षम होना चाहिए, जिस तरह से एक मनुष्य समझ सकता है । यह प्रणाली एआई(AI) का भी उपयोग करेगी; सिमेंटिक वेब एक कंप्यूटर को सिखाएगा कि डेटा का क्या मतलब है और फिर AI इसकी जानकारी लेगा और उसका इस्तेमाल करेगा। हालाँकि, अभी भी, ये टेक्नॉलजी प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन यदि आपने हाल के दिनों में Google सर्च का उपयोग किया है तो पाया होगा कि Google ने आपके प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए प्राकृतिक भाषा का उपयोग कर रहा है। ये वेब 3.0 की शुरुआत है।